निगम कार्यालय में अधिकारियों से मिलने के लिए समय सीमा कम किए जाने के चलते भीड़ जुटने लगी है। ज्यादातर लोग कमिश्नर चीफ इंजीनियर और मेयर को मिलने के लिए आते हैं। इस समय नगर निगम की पार्किंग आम लोगों के लिए बंद कर दी गई है।

 इन दिनों नगर निगम कार्यालय में आम लोगों की एंट्री सीमित कर दी गई है। निगम ऑफिस में लोग अधिकारियों से मिलने के लिए सप्ताह में तीन जा सकते हैं और वह भी सिर्फ एक घंटे के लिए। वहीं, कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को ही निगम कार्यालय में जाने की इजाजत है। जिस किसी ने वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगवाई है तो उसके लिए कोरोना की आरटीसीपीआर नेगेटिव रिपोर्ट वह भी बीते 72 घंटे की साथ लाना जरूरी है। दरअसल यह फैसला कोरोना संक्रमण से बचाव और ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीनेशन करवाएं, इसलिए लिया गया है। 

निगम कार्यालय में अधिकारियों से मिलने के लिए समय सीमा कम किए जाने के चलते भीड़ जुटने लगी है। ज्यादातर लोग कमिश्नर, चीफ इंजीनियर और मेयर को मिलने के लिए आते हैं।ऐसे में लोगों को परेशानी न हो इसलिए नया सिस्टम भी शुरू किया गया। नये सिस्टम के तहत शहरवासियों  को अब अपनी समस्याओं को दूर करवाने के लिए अधिकारियों और पार्षदों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। पिछले दस दिन से नगर निगम शहरवासियों की समस्याओं को जानने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहा है। 

लोग ट्वीटर और फेसबुक पर तस्वीरों के साथ समस्याएं साझा करते हुए नगर निगम को टैग कर सकते हैं और इसके बाद अधिकारी उन समस्याओं को हल करवाकर संबंधित शिकायकर्ता को उसी माध्यम से जानकारी देंगे। अब लोगों के साथ साथ पार्षद भी अपने एरिया की समस्याएं उनके हल के लिए ट्वीटर अकाउंट अटैच कर रहे हैं। नगर निगम की ओर से उन समस्याओं को दूर करने के बाद उसकी तस्वीर शिकायतकर्ता को भेजी जा रही हैं। अगर कोई अधिकारी समस्याओं को दूर करने के लिए खानापूर्ति करता है तो उसकी जानकारी भी ट्वीटर अकाउंट पर वापस दी जा रही है। जिसका लोगों को फायदा मिल रहा है। नगर निगम की ओर से पहले समस्यां और उसके हल के बाद की तस्वीर दोनो ट्वीटर अकाउंट पर डाली जा रही है। इसलिए अब शहरवासियों को के नगर निगम का ट्वीटर अकाउंट काफी मददगार साबित हो रहा है।

इस समय नगर निगम की पार्किंग आम लोगों के लिए बंद कर दी गई है। यहां तक कि राजनीतिक दलों के नेताओं के वाहनों को भी मंजूरी नहीं है। नगर निगम के अनुसार किसी भी निजी वाहन को निगम की पार्किंग एंट्री नहीं है। सिर्फ पार्षद ही अपने निजी वाहन पार्किंग में खड़ा कर सकते हैं। लोगों का कहना है कि बुजुर्ग लोग भी अपने काम के लिए निगम कार्यालय आते हैं, उन्हें पार्किंग में वाहन पार्क करने की इजाजत दी जानी चाहिए। नगर निगम के कर्मचारी जो पहले अपने निजी वाहन पार्क करते थे, उन्हें भी पेड पार्किंग में वाहन पार्क करने पड़ रहे हैं। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए यह प्रबंध किए गए हैं।

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