सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह के ख़िलाफ़ दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है।

इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि वीके सिंह ने चीन के साथ एलएसी पर भारत की आधिकारिक स्थिति के संबंध में बयान देकर पद की गरिमा का उल्लंघन किया है।

इस याचिका में केंद्र को ये निर्देश देने की मांग की गई थी कि केंद्र ये घोषित करे कि वीके सिंह का बयान पद की शपथ का उल्लंघन है।

वीके सिंह ने इस साल फरवरी में दिए एक बयान में कहा था कि "अगर चीन ने एलएसी पर सीमा का दस बार अतिक्रमण किया है, तो भारत ने कम से कम पचास बार एलएसी का अतिक्रमण किया होगा।"

हालांकि, कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा, ''अगर कोई मंत्री अच्छा नहीं है तो इसे प्रधानमंत्री देखेंगे, अदालतें कुछ नहीं कर सकतीं।''

ये याचिका तमिलनाडु के रहने वाले चंद्रशेखरन रामासामी ने दायर की थी. वो खुद को वैज्ञानिक बताते हैं।

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना और न्यायाधीश एएस बोपन्ना और ऋषिकेश रॉय इस मामले की सुनवाई कर रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ''अगर आपको एक मंत्री का बयान पसंद नहीं है तो इसका मतलब ये नहीं कि आप याचिक दायर कर देंगे और उन्हें हटाने की मांग करेंगे।''

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि ऐसा लगता है कि आप वैज्ञानिक हैं, तो आपको अपनी ऊर्जा देश के लिए कुछ करने में लगानी चाहिए। हम इसे खारिज कर रहे हैं.

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