सीएम योगी आदित्यनाथ से पहले अखिलेश यादव पहुंचे कानपुर पीड़ित परिवार के घर , मृत मनीष की हत्या पर सियासत तेज
कानपुर निवासी प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता का गोरखपुर में हत्या के
मामले में सियासत तेज हो गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ के गुरुवार को कानपुर दौरे पर
रवाना होने से पहले ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कानपुर के लिए सड़क
मार्ग से रवाना हो मनीष के आवास पर पहुंच गए।
समाजवादी
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बर्रा में मनीष गुप्ता के घर पहुंच गए और
वहां पीडि़त स्वजन से वार्ता की। उन्होंने स्वजन से गोरखपुर में हुए पूरे घटनाक्रम
की बिंदुवार जानकारी ली। मनीष गुप्ता की पत्नी से भेंट करने के साथ उनको तथा
परिवार के अन्य लोगों को सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि सरकार पूरे मामले को दबाना
चाहती है। पुलिस ने होटल से सभी सुबूत मिटा दिए हैं। इस मामले में डीएम और एसएसपी
को तत्काल निलंबित किया जाना चाहिये और इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीटिंग जज से मामले
की जांच कराई जानी चाहिये। उन्होंने समाजवादी पार्टी की तरफ से पीडि़त परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की। इसके साथ ही प्रदेश सरकार से पीडि़त
परिवार को दो करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
के आने से पहले पुलिस स्वजन को सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलवाने ले जाने की तैयारी
में जुटी पर सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी, सुरेंद्र मोहन
अग्रवाल सहित तमाम सपा कार्यकर्ताओं के विरोध के कारण उन्हेंं नहीं ले जा सकी।
सपाइयों की पुलिस से झड़प भी हुई। सपा नेता सम्राट यादव का आरोप है कि मृतक की
पत्नी व अन्य स्वजन को दवा दिलवाने के बहाने पुलिस ले जा रही थी। इसका विरोध किया
गया।
सीएम
योगी आदित्यनाथ का कानपुर दौरे पर दिन में करीब दो बजे मनीष गुप्ता की पत्नी तथा
परिवार के अन्य लोगों से भेंट करने के बाद उनको सांत्वना देने का कार्यक्रम पहले
से ही तय था। इसी बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव लखनऊ से सड़क मार्ग
से कानपुर निकलकर वहां पर पहुंच गए।
गोरखपुर
में प्रॉपर्टी डीलर की हत्या के मामले में रिपोर्ट आ गई है। जिसमें पता चला है कि
प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हुई हत्या। लगभग पूरे शरीर पर गंभीर चोट
के निशान मिले। कोहनी, सिर और मांसपेशियों में गहरी
चोट लगी। इसके बाद मनीष की पत्नी मुख्यमंत्री से भेंट करने तथा इस केस की एसआईटी
जांच का आश्वासन मिलने के बाद वह मनीष की अंत्येष्टि के लिए राजी हुई हैं।
गौरतलब है कि गोरखपुर के एक होटल में 27 सितंबर
की देर रात पुलिस की दबिश के दौरान कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की
संदिग्ध मौत का सच सामने आ गया है। मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने आरोप लगाया
कि डीएम-एसएसपी ने उन्हेंं एफआईआर कराने से रोका। एफआईआर तभी दर्ज हुई, जब
सीएम योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप किया। पुलिस ने 29 सितंबर को तीन पुलिसवालों
के खिलाफ नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।
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