चीन की एस जयशंकर से जुड़े बयान पर टिप्पणी के बाद भारत ने भी दिया जवाब
भारत और चीन के बीच सरहद पर जारी तनाव ख़त्म होता नहीं दिख रहा है
दोनों देशों के बीच वार्ताओं का दौर तो जारी है लेकिन आरोप-प्रत्यारोप भी थम नहीं रहा।
भारत और चीन के बीच सीमा मामलों पर परामर्श एवं समन्वय कार्यप्रणाली (डब्ल्यूएमसीसी) की शुक्रवार को हुई 22वीं बैठक में दोनों देशों के बीच सीमा मामले में बने गतिरोध को दूर करने के लिए कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत जारी रखने पर सहमति व्यक्त की गई।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि दोनों पक्षों ने सितंबर 2020 में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बनी सहमति के अनुरूप पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शेष मुद्दों को जल्द से जल्द निपटाने की आवश्यकता पर भी सहमति ज़ाहिर की है।
मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की है कि दोनों पक्ष ज़मीनी स्तर पर स्थिरता बनाये रखने और कोई अप्रिय घटना रोकने को सुनिश्चित करना जारी रखेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस संबंध में दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य स्तर पर संवाद जारी रखने की भी सहमति दी है. ताकि संघर्ष वाले क्षेत्रों से पीछे हटने के लिये सहमति से रास्ता निकाला जा सके. जिससे शांति बहाल हो और दोनों देश पारस्परिक तौर पर प्रगति करें।
शुक्रवार को हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद भारत और चीन इस बात पर सहमत हो गए कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास विवाद वाली सभी जगहों से सैनिकों को पूरी तरह से हटाने का परस्पर रज़ामंदी वाला रास्ता खोजने के लिए बातचीत जारी रखी जाएगी ताकि द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की दिशा में बढ़ा जा सके।
पिछले साल मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में शुरू हुए विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच एक और दौर की कूटनीतिक वार्ता हुई।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने ये जानकारी दी कि दोनों पक्ष 12वें दौर की सैनिक स्तर की बातचीत थोड़ा पहले कराने पर तैयार हो गए हैं।
इसका मक़सद मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और कूटनीतिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास विवाद वाली सभी जगहों से सेनाओं को पूरी तरह से हटाने का लक्ष्य हासिल करना है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच बीते दिन यानी शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों की स्थिति को लेकर खुलकर बातचीत हुई।
हालांकि इसी सप्ताह बीते मंगलवार को भारत और चीन के बीच तल्ख़ बयानबाज़ी देखने को मिली थी। जिसके बाद कई तरह की अटकलें लगने लगी थीं।
बीते मंगलवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव में दो सबसे अहम मुद्दे हैं।
पहला सीमा पर सेना की लगातार आमने-सामने तैनाती और दूसरा यह की चीन सेना की बड़ी संख्या में तैनाती नहीं करने के लिखित वादे पर कायम रहेगा या नहीं।
भारतीय विदेश मंत्री ने क़तर इकोनॉमिक फ़ोरम में अपने संबोधन के दौरान चीन से जुड़े एक सवाल के जवाब में यह बात कही थी।
जिसके जवाब में चीन के विदेश मंत्रालय ने अगले ही दिन यानी बुधवार को कठोर शब्दों में जवाब दिया था।
Leave A Comment
LIVE अपडेट
राज्य
Stay Connected
Get Newsletter
Subscribe to our newsletter to get latest news, popular news and exclusive updates.






0 Comments
No Comments