एडसमेटा, सारकेगुड़ा और ताडमेटला गोली कांड के दोषी तत्कालीन अफसरों, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री पर FIR दर्ज करने की मांग:आदिवासी समाज का 20 सितम्बर को छत्तीसगढ़ बंद
एडसमेटा गोलीकांड
में न्यायिक जांच रिपोर्ट सरकार के पास पहुंचने के साथ ही आदिवासी समाज आंदोलित है।
समाज की ओर से अब तत्कालीन पुलिस SP, IG, DGP, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए FIR दर्ज करने की
मांग की गई है। समाज का कहना है कि इनके ऊपर हत्या का केस दर्ज होना चाहिए। साथ ही
पीड़ितों को पर्याप्त और उचित मुआवजा देने की मांग भी की जा रही है। आदिवासी समाज
ने 20 सितंबर को
छत्तीसगढ़ बंद की घोषणा की है।
छत्तीसगढ़ सर्व
आदिवासी समाज के पोटाई धड़े के कार्यकारी अध्यक्ष बीएस रावटे ने कहा कि एडसमेटा, सारकेगुड़ा और
ताडमेटला कांड की न्यायिक जांच रिपोर्ट से साफ हो चुका है कि मारे गए लोग निर्दोष
आदिवासी थे। वहीं इन घटनाओं के बाद जिस पुलिस अधिकारी को पदोन्नति और बहादुरी का
मेडल मिला है उसे वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिलगेर गोली कांड में मृतकों
के परिजनों को 50 लाख
रुपए का मुआवजा, परिवार
के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी की मांग कायम है।
पंडो
जनजाति की मौत मामले में कार्रवाई करे सरकार
अध्यक्ष पावटे ने
कहा कि वे नक्सल समस्या के स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं। उसके अलावा आरक्षण, पेसा कानून को
लेकर उनका आंदोलन जारी है। इसके अलावा उन्होंने पंडो जनजाति के लोगों की खून की
कमी से हो रही मौत की रिपोर्ट पर भी कार्रवाई की मांग की है। सर्व आदिवासी समाज ने
इन दो मुद्दों को अपने आंदोलन की नई मांग के रूप में शामिल कर लिया है।
समाज
के पोटाई धड़े ने 20 को छत्तीसगढ़ बंद की घोषणा
सर्व आदिवासी
समाज के सोहन पोटाई धड़े ने 20 सितम्बर को छत्तीसगढ़ बंद की घोषणा की है। समाज के
कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बीएस रावटे की ओर से कहा गया है, सोमवार को व्यापारिक
प्रतिष्ठान और सार्वजनिक यातायात को पूरी तरह बंद किया जाएगा। सर्व आदिवासी समाज
इससे पहले 30 अगस्त
को हाईवे और रेलवे पर मालवाहकों को रोकने का आंदोलन कर चुका है।
एडसमेटा, सारकेगुड़ा और
ताडमेटला में क्या हुआ था
- 17 मई 2013 की रात बीजापुर के एडसमेटा
गांव में सुरक्षा बलों के एक अभियान दल ने गोलीबारी की थी। इसमें एक
सुरक्षाकर्मी सहित 11 लोगों की मौत हुई थी। इनमें 4 बच्चे भी शामिल थे। पुलिस ने इसे मुठभेड़ बताया। 8 सितम्बर को जस्टिस वीके
अग्रवाल की अध्यक्षता वाले न्यायिक जांच आयोग ने सरकार को रिपोर्ट दी है।
इसमें मुठभेड़ के दावे को खारिज कर दिया गया है।
- सारकेगुड़ा गांव में जून 2012 में बीज पंडुम मनाने इकट्ठा हुए ग्रामीणों पर ऐसी ही फायरिंग हुई थी, जिसे पुलिस ने मुठभेड़
बताया। इसमें 17 ग्रामीण मारे गए थे।
- 6 अप्रैल 2010 को सुकमा के ताडमेटला गांव
के पास सीआरपीएफ पर सबसे बड़ा हमला हुआ था। इसमें 76 जवान शहीद हुए। अगले वर्ष 11 से 16 अप्रैल के बीच सुरक्षा
बलों ने ताड़मेटला, मोरपल्ली और तिम्मापुर गांवों में घुसकर आगजनी की। जुलाई 2011 को यह मामला सीबीआई को
दिया गया। 2016 में सीबीआई की चार्जशीट आई जिसमें सुरक्षा बलों को जिम्मेदार ठहराया गया।
दूसरे
धड़े ने कहा, सरकार पूरी कर रही है मांग, आंदोलन नहीं
सर्व आदिवासी समाज के बीपीएस नेताम धड़े ने 20 सितम्बर के बंद का विरोध किया है। समाज के प्रदेश अध्यक्ष भारत सिंह ने कहा, 20 सितम्बर के महाबंद और आर्थिक नाकेबंदी से उनके संगठन का कोई संबंध नहीं है। आदिवासी समाज की मांगों के संदर्भ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उन लोगों ने चर्चा की है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है जो इन समस्याओं को सुलझाएगी।
Leave A Comment
LIVE अपडेट
राज्य
Stay Connected
Get Newsletter
Subscribe to our newsletter to get latest news, popular news and exclusive updates.






0 Comments
No Comments