अफ़ग़ानिस्तान के उपराष्ट्रपति फिर बोले- 'पाकिस्तान ने नहीं बनाया अल्लाह', जुलूस में हुए शामिल
अफ़ग़ानिस्तान के प्रथम उपराष्ट्रपति
अमरुल्लाह सालेह काबुल में पाकिस्तान और तालिबान के विरोध में निकाले गए एक जुलूस
में शामिल हुए और ख़ुलेआम उनके विरोध में नारे लगाए।
मंगलवार
रात काबुल में देश में बढ़ती हिंसा के बीच तालिबान और पाकिस्तान के विरोध में
काबुल में एक जुलूस निकाला गया था।
अफ़ग़ान
उपराष्ट्रपति ने भी इसमें हिस्सा लिया और सड़क पर उतरकर अल्लाह-ओ-अकबर के नारे
लगाए और कहा, 'अल्लाह को पाकिस्तान ने नहीं बनाया।'
उन्होंने
बाद में ट्वीट कर लिखा, "काबुल की जनता के साथ आवाज़ में
आवाज़ मिलाना एक ऐतिहासिक पल था। अल्लाह-ओ-अकबर, तालिबान
के आतंकवादी और उनके समर्थक मुर्दाबाद।"
अफ़ग़ान उपराष्ट्रपति पहले भी खुलकर
पाकिस्तान को भला-बुरा कहते रहे हैं।
इस
सप्ताह वहाँ के हेरात शहर में जब लोगों ने जुलूस निकाला था तो सालेह ने ट्वीट कर
लिखा था, "आज रात हेरात खुलकर नारे लगा रहा है, अल्लाह से बड़ा कोई नहीं. अल्लाह तालिब आतंकवादियों के हाथों
का खिलौना नहीं. अल्लाह को पाकिस्तान ने नहीं बनाया।"
पिछले
महीने उन्होंने 1971 के युद्ध में भारत के सामने
पाकिस्तान के आत्मसमर्पण की एक तस्वीर शेयर कर दी थी जिसके बाद पाकिस्तान भड़क उठा
था।
पाकिस्तान
के सूचना और प्रसारण मंत्री फ़वाद चौधरी ने तब उन्हें ट्विटर पर कड़े शब्दों में
जवाब भी दिया था।
अफ़ग़ानिस्तान
में विदेशी सेना की संपूर्ण वापसी के कुछ सप्ताह पहले हिंसा काफ़ी तेज़ हो गई है।
तालिबान
के बढ़ते हमलों और प्रभाव के बीच अफ़ग़ान अधिकारी पाकिस्तान पर उनकी मदद करने के
आरोप लगा रहे हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने तालिबान की आलोचना नहीं की है और स्पष्ट रूप से कह दिया है कि पाकिस्तान तालिबान के किए गए कामों के लिए ज़िम्मेदार नहीं है और पाकिस्तान को तालिबान का प्रवक्ता नहीं समझा जाना चाहिए।
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