ब्रिटनी स्पीयर्स ने कहा कि जब तक उनके पिता का कंट्रोल उनते करियर पर रहेगा, वो परफॉर्म नहीं करेंगी। साल 2008 में कंज़र्वेटरशिप के तहत ब्रिटनी के पिता ये अधिकार मिला हुआ है।

ब्रिटनी ने सार्वजनिक तौर पर किए गए कई कमेंट्स में उनपर किए जा रहे कंट्रोल और अपनी आर्थिक स्थिति को बयां किया। इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, "इस कंज़र्वेटरशिप ने मेरे सपनों को मार दिया है... अब मेरे पास कुछ बचा है तो है उम्मीद।"

ब्रिटनी ने समझौते को अपमानजनक बताया है और वो इसे ख़त्म करना चाहती हैं। बीते कई सालों से ब्रिटनी के लीगल गार्जियन (क़ानूनी तौर पर उनके अभिभावक) उनके करियर के फ़ैसले ले रहे हैं।

साल 2008 में ब्रिटनी मानसिक स्वास्थ्य की परेशानी से जूझ रही थीं, उस दौरान कोर्ट ने कंज़र्वेटरशिप नाम की एक प्रक्रिया के तहत उनकी देखरेख के लिए कंज़र्वेटर यानी क़ानूनी अभिभावक नियुक्त किए थे।

कोर्ट ने अपने आदेश में ब्रिटनी की संपत्ति और उनकी ज़िंदगी के अहम फ़ैसले लेने का हक़ उनके पिता जेमी स्पीयर्स को दिया था। लेकिन बाद में ब्रिटनी ने अपने पिता को इस भूमिका से बाहर करने की गुज़ारिश की।

ब्रिटनी ने लिखा, "मैं आने वाले दिनों स्टेज पर परफॉर्म नहीं करूंगी, जब मेरे पिता ये फ़ैसला करें कि मुझे क्या पहनना है, बोलना है, करना है या सोचना है।"

"वेगस पर स्टेज पर जाने से बेहतर है मैं अपने कमरे से वीडियो शेयर करूं। मैं मेकअप लगा कर बार बार स्टेज पर कोशिश नहीं करूंगी।"

ब्रिटनी ने कहा कि उनके ज़िदगी के जिस तरह से उनके 'बीते हुए समय के अपमानजनक लम्हों' को डॉक्युमेंट्रीज़ सामने लेकर आई हैं, वो उन्हें पसंद नहीं आया।

"मैं उन सब से आगे बढ़ गई हूं, काफ़ी लंबे समय से।"

इस साल ब्रिटनी की ज़िंदगी और उनके गार्जियनशिप को लेकर फ्रेमिंग ब्रिटनी स्पीयर्स नाम की एक डॉक्यूमेन्ट्री रिलीज़ की गई है जिसके बाद एक बार फिर ब्रिटनी की इस लंबी क़ानूनी लड़ाई ने लोगों का ध्यान खींचा है।

 

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