समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार, उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान के एक सुदूर क्षेत्र पर कब्ज़ा करने के बाद कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन तालिबान ने अपना पहला आदेश जारी किया जिसमें कहा गया है कि ‘महिलाएं किसी पुरुष के साथ बाज़ार नहीं जा सकतीं, पुरुष दाढ़ी नहीं काट सकते और ना ही धुम्रपान कर सकते हैं।’

एजेंसी ने कुछ स्थानीय लोगों के हवाले से यह ख़बर दी है। इन लोगों का कहना है कि तालिबान ने स्थानीय इमाम को ये सभी शर्तें एक पत्र में लिखकर दी हैं। साथ ही कहा गया है कि इस आदेश को ना मानने वालों से सख़्ती से निपटा जायेगा।

नेटो सैनिकों के लौटने के साथ ही अफ़ग़ान तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में बढ़त बनानी शुरू की थी। तालिबान का दावा है कि अब उसके कब्ज़े में अफ़गान सरकार से ज़्यादा बड़ा क्षेत्र और कहीं अधिक संसाधन हैं।

पड़ोसी देशों से लगने वाली सीमाओं पर स्थित कुछ प्रमुख चौकियों पर तालिबान ने कब्ज़ा कर लिया है।

साथ ही अफ़ग़ान सरकार से कहा गया है कि “वो अपने सैनिकों से आत्मसमर्पण करने को कहे” क्योंकि तालिबान शहरों में लड़ाई नहीं लड़ना चाहता।

पिछले महीने, अफ़ग़ानिस्तान के शेर ख़ाँ बांदेर क्षेत्र पर कब्ज़ा करने के बाद तालिबान ने स्थानीय लोगों को आदेश दिया था कि ‘महिलाएं घर से बाहर ना निकलें।’

इसके बाद कई रिपोर्टें आईं जिनमें कहा गया कि शेर ख़ाँ बांदेर क्षेत्र की बहुत सी महिलाएं कशीदाकारी, सिलाई-बुनाई और जूते बनाने के काम में शामिल हैं, लेकिन सभी को तालिबान के डर से काम बंद करना पड़ा है।

हालांकि, कुछ जानकार बताते हैं कि अफ़ग़ानिस्तान मूल रूप से ही एक रूढ़िवादी देश है जिसके कुछ ग्रामीण हिस्सों में बिना तालिबान की मौजूदगी के ही ऐसे नियम माने जाते हैं।

 

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