चिराग पासवान ने रविवार को नई दिल्ली में पार्टी के अपने समर्थकों के साथ बैठक की. इस बैठक में लिहाजा चिराग पासवान ने रामविलास पासवान के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में अपने समर्थन का प्रदर्शन करने का फ़ैसला लिया |

बैठक के बाद उन्होंने पाँच जुलाई से बिहार में 'आशीर्वाद यात्रा' निकालने का एलान किया |

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उन्होंने कहा, "मेरे पिता की जयंती 5 जुलाई को है. मेरे पिता और चाचा अब मेरे साथ नहीं हैं. लिहाजा हमने उस दिन हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा निकालने का फ़ैसला लिया है. यह यात्रा बिहार के सभी ज़िलों से गुज़रेगी, हमें लोगों के और प्यार और आशीर्वाद की ज़रूरत है."

उन्होंने बताया, "राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक में अधिकांश सदस्य उपस्थित थे. इस दौरान मौजूद सदस्यों ने निष्कासित सदस्यों के पार्टी के चिह्न के इस्तेमाल का विरोध किया. इस दौरान यह भी मांग की गई कि रामविलास पासवान की एक बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाए और उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाए."

रविवार को ही चिराग ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी मुलाक़ात की और अपना पक्ष रखा |

चिराग पासवान ने बीते बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को एक पत्र के ज़रिए उन्हें सदन में पार्टी का नेता घोषित करने की अपील की थी|

तब उन्होंने ये भी कहा था कि वह ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और “यह पद सिर्फ़ दो परिस्थितियों में खाली हो सकता है, जब राष्ट्रीय अध्यक्ष का निधन हो जाए या राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं इस्तीफ़ा दे दे.”

हालांकि, इसके बाद भी ओम बिरला ने बीते हफ़्ते ही पशुपति पारस को लोकसभा में एलजेपी के नेता के तौर पर मान्यता दे दी थी |

चिराग पासवान ने इसपर अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा था कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को लोक जनशक्ति पार्टी का संविधान देखना चाहिए उसके बाद विचार करना चाहिए |

पशुपति और चिराग के बीच दो गुटों में बंटी पार्टी में निर्वाचित सांसदों की संख्या के लिहाज़ से संख्या बल में पारस गुट का पलड़ा भारी है. उनके पास इस समय पाँच सांसद हैं. और चिराग गुट के पास ख़ुद चिराग पासवान के रूप में एक सांसद है |

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