प्रतिमा ने बताया कि जीका पॉजिटिव होने के बाद उन्हें कुछ दिक्कत नहीं हुई। वह अब बच्चों को लेकर परेशान हैं। पहले डॉक्टर बता रहे थे कि बच्चे ठीक हैं। आईसीयू में भर्ती नवजात की स्थिति जीएसवीएम मेडिकल कालेज के बालरोग विशेषज्ञों ने भी देखी।

कानपुर में जीका संक्रमित महिला के प्रसव का पहला मामला सामने आया है। काजीखेड़ा निवासी प्रतिमा ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है। एक स्वस्थ नवजात मां के पास है। दूसरे नवजात की हालत गंभीर है, उसे नर्सिंग होम के आईसीयू में रखा गया है।

बच्चे की धड़कन में दिक्कत है और सांस लेने में तकलीफ हो रही है। लिवर भी प्रभावित है। विशेषज्ञ मॉनीटरिंग कर रहे हैं। काजीखेड़ा के रहने वाले भरत महतो की पत्नी प्रतिमा की जीका संक्रमित रिपोर्ट आठ नवंबर को आई थी। उस वक्त गर्भधारण का आखिरी सेमेस्टर था।

प्रतिमा को गीतानगर स्थित प्रावी वीमेंस एंड चाइल्ड हेल्थ केयर सेंटर में भर्ती किया गया। भरत महतो ने बताया कि 12 नवंबर को ऑपरेशन से पत्नी का प्रसव हुआ। प्रसव डॉ. मोनिका सचदेवा ने कराया। एक बच्चा ठीक है। डॉक्टर दूसरे बच्चे की हालत गंभीर बता रहे हैं। प्रतिमा को मंगलवार को अस्पताल से घर भेज दिया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जाकर उसका यूरीन सैंपल लिया है।

जीका से संबंधित समस्या नहीं

प्रतिमा ने बताया कि जीका पॉजिटिव होने के बाद उसे कुछ दिक्कत नहीं हुई। वह अब बच्चे को लेकर परेशान हैं। पहले डॉक्टर बता रहे थे कि बच्चे ठीक हैं। आईसीयू में भर्ती नवजात की स्थिति जीएसवीएम मेडिकल कालेज के बालरोग विशेषज्ञों ने भी देखी। उनका कहना है कि बच्चे को माइक्रोसेफली या जीका से संबंधित कोई समस्या नहीं है। भरत महतो ने बताया कि शादी के आठ साल बाद पत्नी का यह पहला प्रसव है। उन्होंने बताया कि नर्सिंगहोम का खर्च अधिक आ रहा है। उन्हें बच्चे का इलाज कराने में दिक्कत आ रही है।

कानपुर में 9 गर्भवती महिलाएं जीका संक्रमित

अभी तक मिले जीका संक्रमितों में नौ गर्भवती महिलाएं हैं। इनमें दो गर्भवती जीका निगेटिव हो चुकी हैं। एक महिला का प्रसव हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें छह महिलाओं की मॉनीटरिंग कर रही हैं। गर्भधारण के दौरान किसी गर्भवती को कोई दिक्कत रिपोर्ट नहीं की गई।

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